हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संत समाज ने ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए धर्म के प्रचार प्रसार में उनके योगदान को स्मरण किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। धर्म के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित होता है। ब्रह्मलीन महंत अमर ंिसंह महाराज ने समाज को सदैव ज्ञान की प्ररेणा देकर धर्म व सत्य के मार्ग पर अग्रसर किया। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महंत अमरसिंह महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। जिन्होंने सेवा प्रकल्पों का संचालन कर मानव कल्याण में अहम योगदान प्रदान किया। ब्रह्मलीन महंत अमरंिसंह महाराज के कृपापात्र शिष्य बाबा बलेन्द्र सिंह महाराज ने उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवा को ही धर्म का मूल मंत्र मानने वाले पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुकरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का विस्तार कर उनके द्वारा शुरू की गयी सेवा परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर ज्ञानी महंत खेमसिंह, संत निर्भय सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, संत हरजोध सिंह, महंत अमरजीत सिंह, बाबा बलवेन्द्र सिंह लोको, महंत दर्शन सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत ज्ञानी महाराज, संत तलविन्दर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सिमरन सिंह, संत विष्णु सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में संतजन मौजूद रहे।
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संत समाज ने ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए धर्म के प्रचार प्रसार में उनके योगदान को स्मरण किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। धर्म के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित होता है। ब्रह्मलीन महंत अमर ंिसंह महाराज ने समाज को सदैव ज्ञान की प्ररेणा देकर धर्म व सत्य के मार्ग पर अग्रसर किया। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महंत अमरसिंह महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। जिन्होंने सेवा प्रकल्पों का संचालन कर मानव कल्याण में अहम योगदान प्रदान किया। ब्रह्मलीन महंत अमरंिसंह महाराज के कृपापात्र शिष्य बाबा बलेन्द्र सिंह महाराज ने उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवा को ही धर्म का मूल मंत्र मानने वाले पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुकरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का विस्तार कर उनके द्वारा शुरू की गयी सेवा परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर ज्ञानी महंत खेमसिंह, संत निर्भय सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, संत हरजोध सिंह, महंत अमरजीत सिंह, बाबा बलवेन्द्र सिंह लोको, महंत दर्शन सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत ज्ञानी महाराज, संत तलविन्दर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सिमरन सिंह, संत विष्णु सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में संतजन मौजूद रहे।
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