हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग द्वारा कैवल्यम पत्रिका का विमोचन हुआ। शनिवार को हुए कार्यक्रम में एनआईओएस के संयुक्त सचिव डा. टीएन गिरि एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री, कुलसचिव डा. सुनील कुमार एवं योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र कुमार अतिथि के रूप में रहे। डा. टीएन गिरि ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग से एनआईओएस विगत दस वर्षों से योग आधारित विभिन्न पाठ्यक्रमों के निर्माण में सहयोग प्राप्त कर रहा है।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि भारत में योग विज्ञान विभाग उच्च शिक्षा में योग से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करने वाला एकमात्र विभाग है। विभाग द्वारा कैवल्यम् पत्रिका के प्रकाशन का जो शुभारंभ किया जा रहा है। वह सभी का मार्गदर्शन करेगा। कुलसचिव डा. सुनील कुमार ने कहा कि कैवल्यम् का अर्थ मोक्ष, मुक्ति एवं निर्वाण होता है। इस दौरान कैवल्यम् पत्रिका के प्रधान संपादक प्रो सुरेंद्र कुमार, कार्यकारी संपादक डा. ऊधम सिंह, प्रो. सुरेश वर्णवाल, डा. पवन कुमार चैहान आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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