हरिद्वार। पुलिस लाइन में देर रात हाथी ने फिर भी एक बार दस्तक लगातार लंबे समय से हाथियों का आगमन बढ़ता जा रहा है। गुरूवार की रात्रि में गजराज ने आकर दीवार क्षतिग्रस्त कर दी। इसके बाद बीती रात्रि भी हरिद्वार एसएसपी कार्यालय में हाथी ने दस्तक दी। गजराज हरिद्वार के पुलिस लाइन में जा पहुंचे गजराज पुलिस लाइन में घूमते नजर आए। गजराज ने पुलिस लाइन में लगे पेड़ पौधों मस्ती से खाया हालांकि हाथी ने पुलिस लाइन में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। पुलिस लाइन पेड़ को भी उखाड़ दिया लगभग घटना सुबह के 4ः00 बजे करीब की है। गजराज पुलिस लाइन घूमते नजर आए हरिद्वार में जंगली जानवरों का आबादी में घुसने का सिलसिला जारी है। हरिद्वार पुलिस लाइन राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है जिससे कि हाथी जंगल से निकलकर आसपास के आबादी वाले क्षेत्रों में घुस जाते हैं लगातार कई दिनों से हरिद्वार के कई आबादी वाले क्षेत्रों में हाथियों का आगमन बना हुआ है हरिद्वार का बहुत बड़ा हिस्सा राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से लगा होने के कारण आए दिन जंगली जानवर रिहायशी क्षेत्रों में आते रहते हैं। हाथियों के आबादी में घुसने का ये सिलसिला नया नही है अभी दो दिन पूर्व भी हाथियों का एक झुंड जगजीतपुर में मातृ सदन आश्रम के पास आबादी में घुस आया था। वन विभाग लगातार जंगली जानवरों को रोकने के दावे करता है लेकिन फिर भी ये जानवर आबादी में घुस रहे है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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