हरिद्वार। प्रभागीय वन अधिकारी के खिलाफ वन विभाग के कर्मचारियों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। मंगलवार सुबह से ही डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी दरी डालकर सड़क पर बैठ गए और डीएफओ के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक डीएफओ का ट्रांसफर नहीं किया जाता है,उनका धरना जारी रहेगा। मंगलवार को कर्मचारियों ने डीएफओ से किसी भी तरह की वार्ता करने से इनकार कर दिया। धरने पर बैठे डीएफओ कार्यालय के प्रधान सहायक शेखर जोशी ने कहा कि अभद्रता को लेकर डीएफओ के खिलाफ धरना जारी रहेगा। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो डीएफओ कार्यालय के सभी कर्मचारी बुधवार से तालाबंदी कर विरोध करेंगे। धरने में प्रदेश के अन्य कर्मचारी संघटन भी भाग लेंगे। डीएफओ कार्यालय के कर्मचारियों के धरने के चलते दो दिन से डीएफओ कार्यालय में कोई भी कार्य नहीं हो सका। डीएफओ डॉ धर्मसिंह मीणा ने बताया कि कर्मचारियों के धरने को समाप्त कराने के लिए वार्ता का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर पुष्पा जोशी, संजय, सागर, पंकज सैनी, अनुज कुमार, मयूरी गौतम, किरण रावत, अरुण कुमार, निशा, नरेंद्र कुमार, महिपाल सिंह, रामकुमार वर्मा, रणवीर रावत आदि कर्मचारी डीएफओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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