हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय के प्रांगण में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की एक बैठक कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए की गयी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ दुव्यर्वहार, निरंकुश निर्णय एवं पूर्व ग्रसित एवं बदले की भावना से शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर के विरूद्ध कार्यवाही करना आदि विषयों पर कार्यकारिणी के सदस्यों ने अपना रोष व्यक्त किया। प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार के फर्जी प्रमाण-पत्रों को लेकर चर्चा की गयी और जांच कराने के लिए फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के प्रमाण प्रो0 श्रवण कुमार शर्मा ने कुलसचिव को सौंपे। उन्होंने कहा कि प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार के सुपुत्र के विश्वविद्यालय द्वारा जारी बी0फार्मा के परीक्षाफल में नियम विरूद्ध जाकर परीक्षाफल में किए गए परिवर्तन पर सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह उठाया। बैठक पश्चात् एक पत्र कुलाधिपति व शिक्षा मंत्रालय को भेजे जाने हेतु कुलसचिव को सौंपा। शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने पुरजोर से विरोध कर कार्यवाहक संयुक्त कुलसचिव डा0 श्वेतांक आर्य को पद से हटाने की मांग की, क्योंकि वह शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करते है तथा उनके शिक्षण कार्य न करने से बच्चों का भविष्य चैपट हो रहा है। प्रो0 प्रभात कुमार ने कहा कि आर्य समाज गुरुकुल कांगड़ी के वार्षिक चुनाव कराए जाने तथा आर्य समाज के अध्यक्ष प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार द्वारा धन का दुरुपयोग करने की निन्दा की। प्रो0 राकेश शर्मा व अन्य ने शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की एक समन्वयक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने स्वागत किया। प्रो0 अम्बुज कुमार ने कहा कि बोर्ड आफ मैनेजमेंट में ऐसा कोई भी प्रस्ताव पास नहीं किया जाएगा जिसका कर्मचारियों पर कोई आंच आए। बैठक में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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