हरिद्वार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डा. राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुई आयोग की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इनमें उत्तराखण्ड शासन के विभिन्न विभागों से प्राप्त 2652 पदों के अधियाचनों, जिनमें मुख्य रूप से प्रवक्ता राजकीय इंटर कालेज, सम्मिलित राज्य सिविल, प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2021 (पीसीएस), सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 (लोवर पीसीएस), सम्मिलित राज्य अभियंत्रण (ए.ई.) सेवा परीक्षा-2021,संयुक्त कनिष्ठ अभियंता(जे.ई) परीक्षा-2021, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय आदि शामिल हैं, को एक साल यानी वर्ष 2022 के अंदर ही सम्पादित पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इसमंे विज्ञापन से लेकर आवेदन पत्रों को ऑनलाइन आमंत्रित, प्राप्त आवेदन पत्रों की सन्निरीक्षा, नियमानुसार चयन परीक्षाओं यथा प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार परीक्षा का चरणबद्ध तरीके से सम्पादन कराया जाना सुनिश्चित करते हुए चयन संस्तुति शासन के सम्बंधित विभागों को प्रेषित किये जाने तक के प्रत्येक स्तर की एक समय सीमा तय की जा रही है। नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश कुमार द्वारा इस बारे में आयोग के समस्त अधिकरियों से स्पष्ट तौर पर कहा गया कि किसी भी स्तर पर कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी तथा इसके लिए आयोग के प्रत्येक अधिकारी,कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि मॉनीटरिंग के लिए आयोग में डैशबार्ड तैयार किया जाये। आयोग निर्धारित लक्ष्यों को तय सीमा के अंदर ही हासिल कर सके ,ससमय उत्कृष्ट मानव संसाधन राज्य सरकार को उपलब्ध कराये जा सकें। बैठक में सदस्यगण प्रो (डॉ0) जे.एम.एस.राणा, भुवन चन्द्र, डॉ0 रविदत्त गोदियाल, अनिल कुमार राणा तथा सचिव कर्मेन्द्र सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक एस.एल.सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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