हरिद्वार। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष शांभवी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 13 सैन्य अफसरों के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। भूपतवाला स्थित आश्रम में प्रेस को जारी बयान में स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि इस आकस्मिक दुर्घटना से पूरे देश को गहरा आघात लगा है। देश ने अदम्य साहस एवं शौर्य के परिचायक वीरों को खोया है। जिससे पूर देश में शोक की लहर है। उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत तीनों सेनाओं के प्रमुख थे और देश की आन बान शान थे। सीडीएस बिपिन रावत के कार्यकाल में सेना का मनोबल हर समय सातवें आसमान पर रहा और चीन और पाकिस्तान को हर घुसपैठ का करारा जवाब मिला। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों के अदम्य साहस की बदौलत ही भारत आज एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है। उनका आकस्मिक निधन भारतीय सेना के लिए बहुत बड़ी क्षति है। इसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच होनी चाहिए और पता लगाया जाना चाहिए कि किस कारण यह दुर्घटना घटित हुई। जिससे यह साफ हो सके कि यह कोई हादसा है अथवा षड्यंत्र। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सेना का वीवीआइपी हेलीकॉप्टर किन परिस्थितियों में क्रैश हुआ, यह जांच में सामने आए। श्रीमहंत साधनानंद, स्वामी रोहित गिरी, महंत सत्य गिरी, स्वामी कपिल मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत विष्णुदास, महंत गोविंददास, महंत प्रेमदास, बाबा हठयोगी, महंत रंजय ंिसंह, महंत जसविन्दर सिंह, महंत अमनदीप सिंह,स्वामी ऋषि रामकृष्ण,स्वामी राजेंद्रानंद, स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी शिवानंद आदि संतों ने भी दिवंगत जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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