हरिद्वार। प्रभागीय वनाधिकारी के खिलाफ वन विभाग के कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन दसवें दिन भी जारी रहा। डीएफओ कार्यालय पर धरने पर बैठे वन विभाग के कर्मचारियों ने बुधवार को शासन प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों ने नारेबाजी कर डीएफओ के ट्रांसफर की मांग की। धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड फॉरेस्ट संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक सचिव शेखर चंद्र जोशी ने कहा कि जब तक डीएफओ का ट्रांसफर नहीं किया जाता है वन विभाग के कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वार्ता के दौरान उन्हें दो दिन में सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। यदि जल्द से जल्द डीएफओ का ट्रांसफर नहीं किया जाता है, तो प्रदेशभर के सभी वन प्रभाग कार्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उत्तरांचल फॉरेस्ट मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीप चंद्र पांडे के आह्वान पर बुधवार को प्रदेश के समस्त वन प्रभाग कार्यालयों में लिपिक वर्गीय कर्मचारी एक दिन का कार्य बहिष्कार कर धरने पर रहे। पर्वतीय शिक्षा संगठन, उत्तराखंड फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन एवं सेवानिवृत्त कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने धरने पर पहुंचकर समर्थन दिया। धरने पर धर्मेंद्र सिंह, रेशम सिंह, मोहनलाल, संजीव मिश्रा,उपकार कुमार, पदम सिंह,राजेश सिंह,नरेश कुमार,एसएन शर्मा,राजबीर सिंह, हरीश भट्ट,रणवीर सिंह रावत,नरेंद्र कुमार,संजय सागर,राजकुमार वर्मा,दीपक,पंकज सैनी, अरुण सैनी, सुरेश आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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