हरिद्वार। नगर कोतवाली क्षेत्रान्गर्त सप्तऋषि क्षेत्र से अचानक लापता हुई तीन किशोरियों को पुलिस ने यूपी के बदायूं स्थित एक रिश्तेदार के घर से बरामद कर लिया है। देर रात ही किशोरियों के लेने के लिए रवाना हुई पुलिस टीम सुबह उन्हें लेकर यहां पहुंची। बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद किशोरियों को परिजनों को सौंप दिया। क्षेत्र की हैंडीक्राफ्ट गली भूपतवाला की रहने वाली तीनों किशोरियों में से एक किशोरी हैंडीक्राफ्ट का कुछ सामान बनाने का कार्य करती है, जिसे वह पास में ही रहने वाले व्यक्ति को देती है। वहीं व्यक्ति ही कच्चा माल भी उपलब्ध कराता है। करीब 16 वर्षीय किशोरी अपने से छोटी उम्र की दो किशोरियों को लेकर रविवार सुबह बना हुआ हैंडीक्राफ्ट का सामान देने के लिए घर गई थी। सामान देने के बाद तीनों किशोरियां वहां से चली गई,लेकिन अपने घर वापस नहीं लौटीं। परिजनों ने कई घंटों बाद उन्हें ढूंढना शुरू किया, लेकिन किशोरियों का कुछ पता नहीं चल सका था। शाम के वक्त परिजन भाजपा नेता विदित शर्मा को साथ लेकर सप्तऋषि चैकी पहुंचे थे और पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया था। किशोरियों के लापता होने की सूचना मिलने पर सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह, कोतवाली प्रभारी राकेन्द्र सिंह, एसएसआई अरविंद रतूड़ी मौके पर पहुंच गए थे। सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह की अगुवाई में 10 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की किशोरियों को खोजने में पुलिस जुट गई थी। पुलिस अभी सीसीटीवी कैमरे ही खंगालने में जुटी थी कि बदायूं यूपी से आई एक फोन कॉल ने पुलिस को राहत दे दी। सीओ सिटी ने बताया कि 16 वर्षीय किशोरी अपने मामा के घर दोनों किशोरियों को ले गई थी। घूमने के मकसद से ही वह यहां से गई थी। पुलिस टीम उन्हें यहां ले आई, जिसके बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर परिजनों को सौंप दिया गया।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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