हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सम्पर्क विभाग हरिद्वार द्वारा राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री पर्वतारोही संतोष यादव ने कहा कि जिस प्रकार किसान फसल का निर्माण करता है, उसी तरह हमें भी अपने व्यक्तित्व का निर्माण करने की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शरीर 5 तत्वों से बना है। हम भी पांच वस्तुओं का उपयोग करते हैं। वस्त्र, भोजन, वायु, जल व वाणी का उपयोग शुद्वता व संयम से करना चाहिए। राष्ट्रीय सेविका समिति की क्षेत्र कार्यवाहिका नीमा ने कहा महिला राष्ट्र कि आधार शक्ति, आधार स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि देश का गौरव इतिहास ऐसी मातृ शक्तियों की गाथाओं से भरा हुआ है। हमारे वेद, ग्रन्थों में भी नारी शक्ति को पूर्ण सम्मान दिया गया है। अध्यक्षता महामंडलेश्वर साध्वी सन्तोषी माता ने कार्यक्रम का संचालन डॉ.रजनी ने किया। इस मौके पर आरएसएस के प्रांत सम्पर्क प्रमुख रमेश, जिला सञ्चालक रोहिताश कुंवर, विभाग प्रचारक चिरंजीवी, जिला कार्यवाहिका वंदना, अनिल गुप्ता, संजय पवांर, अमित त्यागी, देश राज शर्मा, सीए अनिल वर्मा, अमित चैहान, अमित शर्मा आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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