हरिद्वार। गबन के आरोप में गिरफ्तार श्री श्री भोलानन्द सन्यास आश्रम के पूर्व सचिव एवं कोषाध्यक्ष की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी। आश्रम के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी तेजशानन्द गिरी महाराज ने बताया कि आश्रम के सचिव व कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे स्वामी तपानंद गिरी ने बताया कि आश्रम के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी गहनानंद गिरी महाराज ने बैंक में 28,37,279 रूपए की एफडी करायी थी एवं श्री श्री भोलानन्द सन्यास आश्रम को नामिनी बनाना चाहते थे। लेकिन बैंक नियमों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया तो उन्होंने आश्रम के सचिव के साथ कोषाध्यक्ष पद का भी दायित्व संभाल रहे स्वामी तपानंद गिरी का नाम बतौर नामिनी दर्ज करा दिया था। स्वामी गहनानंद गिरी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद स्वामी तपानंद गिरी ने एफडीआर की रकम बतौर नामिनी अपने खाते में हस्तांतरित कर कैश करा ली और बिना किसी को बताए अपना सामान लेकर आश्रम छोड़कर चला गया। शक होने पर आश्रम के पदाधिकारियों ने उसे पद से हटा दिया तथा उसके खिलाफ पुलिस में मुकद्मा दर्ज कराया। जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने आरोपी को कलकत्ता से गिरफ्तार किया। बुधवार को सीजेएम कोर्ट में तपानंद गिरी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। महामण्डलेश्वर स्वामी तेजशानन्द गिरी महाराज ने संत समाज व श्रद्धालुजनों से अपील करते हुए कहा कि धन के लोभ में संत परंपरा को बदनाम करने वाले स्वामी तपानंद गिरी से सभी को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री श्री भोलानन्द सन्यास आश्रम संत परंपरांओं का निर्वहन करते हुए सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज की सेवा कर रहा है। लेकिन स्वामी तपानंद गिरी ने संत परंपरा के विरूद्ध कार्य करते हुए सनातन संस्कृति को कलंकित करने का कार्य किया है। ऐसे लोभी लोगों से सभी को सावधान रहना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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