हरिद्वार। धर्म संसद के संरक्षक और वरिष्ठ महामंडलेश्वर यतिन्द्रानंद गिरी ने कहा कि बिखरे हिन्दू समाज के एक होने तक धर्म संसद ही उनका प्रतिनिधित्व करेगी। अनशन स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि धर्म संसद के रास्ते में संतों पर मुकदमे और जितेंद्र नारायण की गिरफ्तारी छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इससे धर्म ससंद के सत्यागृह को कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसकी गूंज अब देश के कोने-कोने में सुनाई देने लगी है। हिन्दू जागृत होने लगा है। यतिन्द्रानंद गिरी ने कहा कि चुनाव चल रहा है। समय रहते सरकार को अपनी भूल स्वीकार कर संतों की शरण में आना चाहिए। क्योंकि संतों की शरण में आने वाले को आशीर्वाद ही मिलता है श्राप नहीं। अन्यथा जनता ही संतों के अपमान का बदला चुनाव में लेगी। उन्होंने कहा कि ये हमारा देश है। हमको हमारी भावनाओं के अनुरूप हमें देश चाहिए। सनातन हिन्दू संस्कृति ही देश की आत्मा, संविधान, शासक होना चाहिए। हिन्दू हित की बात करने वाला ही इस राष्ट्र पर शासन करेगा। उन्होंने कहा कि जितेंद्र नारायण की गिरफ्तारी के पीछे एक गहरा षड्यंत्र है। यह गिरफ्तारी दवाब में आकर की गई है। इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद अब एक काफिला बन गई है। देश के कोने-कोने से संत समर्थन देकर धर्म संसद आयोजन को कहने लगे हैं। सभी संत अपने अपने राज्य में इस लड़ाई को लड़ने के लिए बेताब हैं। यह लड़ाई अब तब तक जारी रहेगी जब तक देश हिन्दू राष्ट्र नहीं बन जाता।स्वामी राघवेंद्र भारती ने कहा कि संतों को आश्रमों से बाहर निकलकर इस यज्ञ में शामिल होना होगा। सामाजिक सेना प्रमुख विनोद महाराज ने कहा कि हिन्दू विरोधी लोगों की गिरफ्तारी के बजाय संतों पर मुकदमे दर्ज करना शर्मनाक वाक्या है। जो संतों पर आक्रमण कर रहे हैं हमें उनका सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार करना होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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