हरिद्वार। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्रीय आयुष मंत्रालय के आह्वान पर शुक्रवार को वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भागीदार करते हुए गायत्री परिवार एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के देश-विदेश शाखाओं में हजारों परिजनों, योगाचार्यों, योग प्रशिक्षुओं ने सामूहिक सूर्य नमस्कार सम्पन्न कराया। इसका संचालन गायत्री परिवार एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के योग प्रशिक्षकों ने विभिन्न स्थानों से वर्चुअल किया। अपने संदेश में गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नियमित सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने कहा कि बीमारी के इस दौर में इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत रखने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास, सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मकर संक्राति सूर्य के उत्तरायण की ओर जाने का पर्व है और इस दिन सूर्य नमस्कार का सामूहिक आयोजन होना भारतवासियों के स्वास्थ्य के लिए एक शुभ संकेत है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि गायत्री परिवार के देश-विदेश के प्रज्ञा संस्थानों, चयनित विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में भी वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। हमारे योगाचार्यों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से तथा वर्चुअल संचालन करते हुए संपन्न कराया। शांतिकुंज मीडिया विभाग के अनुसार शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय सहित देशभर के प्रज्ञा संस्थानों के परिजनों ने वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में भागीदारी की तो वहीं अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, रसिया, आस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, मॉरिशस, न्यूजीलैण्ड, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैण्ड, फीजी, लातविया, दुबई, अबुधाबी, केन्या, तंजानिया आदि देशों के गायत्री परिजनों ने भी वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के भाग लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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