हरिद्वार। जनपद में कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। जनपद में गुरुवार को कोरोना मरीजों का आकड़ा बढ़कर 434 पर पहुंच गया है। पिछले 4 दिनों में जनपद में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर 1251 हो गई है। पिछले छह माह के मे सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले गुरुवार को ही सामने आए हैं। गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी आॅकड़ो के अनुसार गुरूवार को सबसे अधिक कोरोना संक्रमित हरिद्वार नगरीय क्षेत्र में 111 मिले हैं। रुड़की में 103 कोरोना रोगी सामने आए हैं। बहादराबाद में 54, लक्सर 20, भगवानपुर 6, नारसन में 3 और अन्य 132 रोगी सामने आए हैं। एक सप्ताह से रोजाना कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर ही आ रही है। अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या बढ़कर 12 पहुंच गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ खगेंद्र कुमार के अनुसार कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ने के बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। कोविड नियमों की जमकर अवहेलना देखी जा रही है। जिसका कारण रोगियों की संख्या बढ़ना है। लोगों को काम से ही घर से बाहर मास्कर पहनकर निकलना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुरुवार तक विभिन्न कोविड केयर सेंटरों में 49 रोगी भर्ती थे। 1137 रोगी होम आइशोलेशन में बताए गए हैं। जनपद में एक्टिव केस 1216 पहुंच गए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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