हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 योगेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये मकर संक्रान्ति स्नान पर्व पर रोक के चलते हरकीपैड़ी सहित विभिन्न घाटों का आकस्मिक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस चैकी होते हुये हरकीपैड़ी के पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान हरकीपैड़ी के सभी घाटों में एक भी श्रद्धालु नहीं दिखाई दे रहा था। इसके पश्चात जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकीपैड़ी क्षेत्र से सुभाष घाट पहुंचे, जहां पर कुछ स्थानीय लोग स्नान कर रहे थे। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो श्रद्धालु स्नान करने यहां पर आये हुये हैं, उन्हें लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचित करते हुये, इस घाट को भी जल्द से जल्द खाली कराया जाय ताकि कोरोना का संक्रमण कम से कम हो सके। इस मौके पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि पहले मकर संक्रान्ति के अवसर पर लाखों की भीड़ होती थी, लेकिन इस बार जिस तरह से कोविड का प्रसार हो रहा है, उसे देखते हुये काफी सोच-विचार करने के बाद मकर संक्रान्ति के पर्व पर रोक का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस बार काफी सख्ती बरतते हुये स्नान को प्रतिबन्धित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यह था कि बाहरी जनपदों, खासतौर पश्चिमी यूपी, हरियाणा आदि से लोग आते हैं और बाहरी लोगों से यहां पर संक्रमण न फैले, इसको भी ध्यान में रखा गया, क्योंकि पाॅजिविटी रेट हर जगह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भीड़ की दृष्टि से हरकीपैड़ी क्षेत्र हमारा काफी संवेदनशील क्षेत्र है। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) वीर सिंह बुदियाल, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी के0के0 अग्रवाल सहित पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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