हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ कलां शाखा में गुरु गोविंद सिंह का जन्म दिवस दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह साहिब का जीवन धर्म रक्षा एवं राष्ट्र रक्षा के लिए समर्पित रहा। सनातन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल उनके आदर्शों को अपनाकर समाज सेवा में अपना योगदान प्रदान कर रहा है। निर्मल अखाड़े के आचार्य उन्नाव सांसद महामंडलेश्वर साक्षी महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। गुरु गोविंद सिंह एक युग प्रवर्तक थे। जिन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर समरसता का संदेश दिया। हम सभी को उनके आदर्श पूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए और मानव सेवा को समर्पित रहना चाहिए। जयराम पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि संतों का जीवन सदैव ही निर्मल जल के समान होता है। गुरु गोविंद सिंह साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरुषों का अहम योगदान रहा है। गुरु गोविंद सिंह शांति प्रेम और एकता की मिसाल थे। वह केवल आदर्शवादी ही नहीं थे बल्कि एक आध्यात्मिक गुरु थे। जिन्होंने मानवता को शांति, प्रेम, एकता, समानता एवं समृद्धि का रास्ता दिखाया। महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में किसी भी असामाजिक तत्व का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर महंत दामोदर दास, महंत कमलदास, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, श्रीमहंत विष्णुदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत जयेंद्र मुनि, स्वामी शिवानन्द, महंत प्रेमदास, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत शिवानंद, महंत प्रेमदास, महंत निर्भय सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत लोकेश दास, महंत प्रमोद दास आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ कलां शाखा में गुरु गोविंद सिंह का जन्म दिवस दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह साहिब का जीवन धर्म रक्षा एवं राष्ट्र रक्षा के लिए समर्पित रहा। सनातन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल उनके आदर्शों को अपनाकर समाज सेवा में अपना योगदान प्रदान कर रहा है। निर्मल अखाड़े के आचार्य उन्नाव सांसद महामंडलेश्वर साक्षी महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। गुरु गोविंद सिंह एक युग प्रवर्तक थे। जिन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर समरसता का संदेश दिया। हम सभी को उनके आदर्श पूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए और मानव सेवा को समर्पित रहना चाहिए। जयराम पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि संतों का जीवन सदैव ही निर्मल जल के समान होता है। गुरु गोविंद सिंह साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरुषों का अहम योगदान रहा है। गुरु गोविंद सिंह शांति प्रेम और एकता की मिसाल थे। वह केवल आदर्शवादी ही नहीं थे बल्कि एक आध्यात्मिक गुरु थे। जिन्होंने मानवता को शांति, प्रेम, एकता, समानता एवं समृद्धि का रास्ता दिखाया। महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में किसी भी असामाजिक तत्व का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर महंत दामोदर दास, महंत कमलदास, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, श्रीमहंत विष्णुदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत जयेंद्र मुनि, स्वामी शिवानन्द, महंत प्रेमदास, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत शिवानंद, महंत प्रेमदास, महंत निर्भय सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत लोकेश दास, महंत प्रमोद दास आदि शामिल रहे।
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