हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद का विवाद अभी थमा नहीं था कि कल बरेली में हुई मुस्लिम धर्म संसद ने एक बार फिर धर्म संसद को तूल दे दी है। इस बार मौलाना तोरिक रजा दिए गए भड़काऊ भाषण के बाद अब हरिद्वार में के संतो ने तोरिक रजा को आड़े हाथों लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। हरिद्वार में हुई धर्म संसद के संयोजक रहे आनंद स्वरूप ने तोरिक रजा पर कार्रवाई करने की मांग के साथ उन को चेतावनी देते हुए कहा है कि मुस्लिम कोई धर्म नहीं होता है और इन उनका नाम मुस्लिम धर्म संसद देना ही गलत है और जो इस तरह के बयान दे रहे हैं तौकीर रजा वह एक आतंकवादी हैं उनके ऊपर 20 से ऊपर मुकदमा पंजीकृत है इससे पहले बरेली में हुए दंगे में भी यह मुख्य अभियुक्त के रूप में है और कल बरेली में हुई मुस्लिम धर्म संसद में जो यह ग्रह युद्ध की धमकी दे रहे हैं इससे हम डरने वाले नहीं हैं इस तरह की गीदड़ भभकी से ना कभी संत समाज द्वारा है और ना ही डरेगा। वही स्वामी सिंधु सागर ने कहा कि संतों का कार्य है कि धर्म की रक्षा करें और धर्म के लिए लड़ना है हमारे द्वारा धर्म संसद में अपनी रक्षा के लिए बातें कही गई थी ना कि किसी को भड़काने के लिए आज इनके द्वारा जिस तरह से भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं उससे साफ इनकी मानसिकता लोगों के सामने आ रही है।
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद का विवाद अभी थमा नहीं था कि कल बरेली में हुई मुस्लिम धर्म संसद ने एक बार फिर धर्म संसद को तूल दे दी है। इस बार मौलाना तोरिक रजा दिए गए भड़काऊ भाषण के बाद अब हरिद्वार में के संतो ने तोरिक रजा को आड़े हाथों लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। हरिद्वार में हुई धर्म संसद के संयोजक रहे आनंद स्वरूप ने तोरिक रजा पर कार्रवाई करने की मांग के साथ उन को चेतावनी देते हुए कहा है कि मुस्लिम कोई धर्म नहीं होता है और इन उनका नाम मुस्लिम धर्म संसद देना ही गलत है और जो इस तरह के बयान दे रहे हैं तौकीर रजा वह एक आतंकवादी हैं उनके ऊपर 20 से ऊपर मुकदमा पंजीकृत है इससे पहले बरेली में हुए दंगे में भी यह मुख्य अभियुक्त के रूप में है और कल बरेली में हुई मुस्लिम धर्म संसद में जो यह ग्रह युद्ध की धमकी दे रहे हैं इससे हम डरने वाले नहीं हैं इस तरह की गीदड़ भभकी से ना कभी संत समाज द्वारा है और ना ही डरेगा। वही स्वामी सिंधु सागर ने कहा कि संतों का कार्य है कि धर्म की रक्षा करें और धर्म के लिए लड़ना है हमारे द्वारा धर्म संसद में अपनी रक्षा के लिए बातें कही गई थी ना कि किसी को भड़काने के लिए आज इनके द्वारा जिस तरह से भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं उससे साफ इनकी मानसिकता लोगों के सामने आ रही है।
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