हरिद्वार। शनिवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद रविवार को उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुश्री सौजन्या हरिद्वार पहुंचे,यहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में ग्राम सभा निर्वाचन 2022 की तैयारियों के संबंध में एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि हरिद्वार एक मैदानी क्षेत्र है जो कि हमेशा ऐसे ही सेंसिटिव रहा है जिसको देखकर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं उन्होंने कहा इस बार के चुनाव में कोविड के नियमों का सख्ताई से पालन हो सके इसके लिए भी टीमों का गठन किया गया है। उत्तराखंड की मुख्य चुनाव अधिकारी सुश्री सौजन्या ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव के तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि क्योंकि उत्तराखंड में होने वाले चुनाव उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण के साथ होने हैं और हरिद्वार से सटे जो जिले आते हैं उनमें भी उसी तारीख को चुनाव होना है, जिसको देखकर ज्ञान अनुमान लगाया जा रहा है कि वोटिंग के दिन ऐसी कम संभावना है कि लोग इधर से उधर जाएं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्र पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा और और सरोवर लगाए जा रहे हैं जो लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखेंगे। बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जो भी गाइडलाइन कोविड को लेकर दी गई है उनका अक्षर से पालन कराया जाएगा। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पत्रकारों को बताते हुए कहा कि मतदान के दिन और उससे पहले जनपद से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों से किसी भी तरह की शराब या कैश का मूवमेंट इधर से उधर नही हो, इसके लिए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की बैठक बॉडर से लगे जिलों के अधिकारियों बक साथ मीटिंग लगातार जारी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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