हरिद्वार। धर्म संसद के संरक्षक और वरिष्ठ महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि सनातन हिन्दू संस्कृति और परंपराओं पर जिस तरह से आघात किया जा रहा है धर्म संसद में संतों ने उस पर चोट की है। इससे जेहादी और अलगाववादी ताकतें परेशान होकर बिलबिला गई हैं। अगर सरकार ने समय रहते संतों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए तो सरकार को संतों का सम्मान न करने का परिणाम भी भुगतना पड़ेगा। शाम्भवी आश्रम में सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि भारत विशुद्ध रूप से हिन्दू राष्ट्र है। धर्म संसद में केवल इसी बात पर विशेष चर्चा की गई है कि हिन्दू राष्ट्र बनने तक संत मुखर रहेंगे। धर्म संसद में जेहादियों के खिलाफ बोलकर संतों ने सदैव मर्यादाओं में रहते हुए सनातनी परंपराओं की रक्षा की है। हिन्दू संस्कृति के भविष्य को सुरक्षित रखने को लेकर संत हमेशा संघर्षरत रहेंगे। अन्यथा भारत धीरे-धीरे ग्रह युद्ध के मुहाने पर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें आश्चर्य इस बात का है कि सरकार ने दवाब में आकर संतों पर मुकदमे दर्ज करा दिए,जिनका कोई आधार नहीं है। धर्म संसद में सतों द्वारा दिए गए भाषणों को उन्होंने भी सुना तो उनमें जेहाद के खिलाफ संघर्ष का ऐलान है। उन्होंने कहा कि जेहाद के खिलाफ पहले से ही पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है। धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य स्वामी अमृतानंद ने कहा कि हमें पता चला है कि संतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। संत कोर्ट को सच्चाई बताएंगे कि उन्होंने धर्म संसद में क्या कहा। हम किसी के खिलाफ नहीं है। लेकिन कोई हमें धर्म बदलने को विवश करेगा और विरोध करने पर मारने की धमकी दी जाएगी तो संत उसे बर्दास्त नहीं करेंगे। संतों ने केवल अपनी तैयारी की बात कही है। इस दौरान अधीर कौशिक भी शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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