हरिद्वार। गोपनीय तरीके से हरिद्वार पहुचे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह‘‘ चन्नी‘‘ ने अपनी किसी खास कामना के लिए एक तांत्रिक कराई। सोमवार अहले सुबह श्री चन्नी हर की पौड़ी के पास स्थित अस्थि प्रवाह घाट पर आए थे। बताया जाता है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चंडीगढ़ के एक तांत्रिक के संपर्क में हैं। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री बनने से एक हफ्ता पूर्व भी वह हरिद्वार इन्हीं तांत्रिक के साथ आए थे और गंगा जी का दुग्ध अभिषेक और पूजा करके गए थे। इस पूजा के पश्चात ही एक हफ्ते में अचानक से पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में वह सामने आए। सोमवार सुबह करीब 6बजे ही पंजाब के मुख्यमंत्री श्री वाल्मीकि मंदिर के सामने अपने द्वारा स्थापित शिवलिंग पर पूजा करने आए थे। पूजा से पूर्व श्री चन्नी ने गंगा में स्नान कर गंगा का दुग्ध अभिषेक किया। इसके पश्चात चंडीगढ़ से आए उनके तांत्रिक पंडित जी ने तंत्र पूजा करवाई। इस पूजा अनुष्ठान के पश्चात वह होकर वापस पंजाब चले गए। बताते चले कि अभी हाल में ही पंजाब गये प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री श्री चन्नी राजनीतिक तौर बहुत परेशान बताये जा रहे है। कहा जाता है कि उन्हें इस तांत्रिक पूजा का विशेष फायदा मिला और संभवतः सुप्रीम कोर्ट से काफी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान कथित सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोमवार को ही सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र और पंजाब राज्य की जांच को रोककर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए नई समिति बनाई। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से मुख्यमंत्री से चन्नी को राहत मिली। जानकारो का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट की नई जांच समिति कहीं ना कहीं श्री चन्नी के लिए राहत की बात है। तांत्रिक पूजा के बाद श्री चन्नी ने दुध का दान भी किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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