हरिद्वार। नैशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संगठन सचिव विजेंद्र धारीवाल, ऋषि नैन, हरियाणा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर, कोषाध्यक्ष ज्ञान सिंह, जसबीर चहल हरिद्वार पहुंचे।देवभूमि हरिद्वार में उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली एवं जिला अध्यक्ष रोहित कुमार शर्मा के नेतृत्व में हरिद्वार की टीम ने अतिथियों का पुष्पभेट कर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर विजेंद्र धारीवाल ने उत्तराखंड के समस्त कर्मचारियों का आभार जताते हुए कहा कि देश के पांच राज्यो में चुनाव होने जा रहे है जिसमे देश के समस्त कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि देश के कर्मचारी व उनका परिवार उसी दल को समर्थन करेगा जो पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पूरा करेगा।राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हरियाणा महासचिव ऋषि नैन ने कहा कि देश की रक्षा पंक्ति में खड़ी पैरामिलिट्री के जवानों को भी पेंशन नही है और दूसरी ओर हमारे देश के सांसद व विधायक पुरानी पेंशन ले रहे हैं।जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही हो जाती तब तक विजय बन्धु जी के नेतृत्व में पूरे देश मे आंदोलन जारी रहेगा।अनूप लाठर व ज्ञान सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत देश के कर्मचारियों के साथ छलावा किया जा रहा जिसमे कर्मचारी व सरकार दोनों को नुकसान हो रहा।सभी राजनीतिक दलों को चाहिए कि पुरानी पेंशन बहाली का पुरजोर समर्थन करते हुए जल्द से जल्द बहाल करें।कल से शुरू हो रहे बजट सत्र में केंद्र सरकार से उम्मीद है कि पुरानी पेंशन के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। अगर ऐसा नही होता है तो देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। कार्यक्रम में प्रतिभा सैनी, रंजीत कौर, मनोज चन्द्र, मुकाक्षी रघुवशी, मनोज बरछीवाल , सुशील प्रसाद लखेड़ा, आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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