हरिद्वार। समाजसेवी गौरव रसिक ने जिला प्रशासन से चाईनीज मांगे की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है। प्रैस को जारी बयान में गौरव रसिक ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझा दुकानों पर बिक रहा है। चाइनीज मांझा पक्षियों के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। आकाश में उड़ रहे बेजुबान पक्षीयों की जान मांझे के कारण जा रही है। प्रतिबंध के बावजूद चाईनीज मांझा बेरोकटोक बेचा और खरीदा जा रहा है। गौरव रसिक ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद चाईनीज मांझे की बिक्री बंद नहीं होने के चलते सड़क पर राहगीर मांझे की चपेट में आकर घायल हो जाते है। आकाश में उड़ते हुए पक्षी भी मांझे में उलझ जाते हैं, जिससे उनकी मौत भी हो जाती है। प्रशासन को ठोस कदम उठाकर चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाना चाहिए। प्रतिबंधित मांझा बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। गौरव रसिक ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि चाइनीज मांझे इस्तेमाल ना करें। पतंगबाजी का शौक रखने वाले पतंगबाज देश में निर्मित देसी मांझा ही इस्तेमाल करें। गौरव रसिक ने बताया कि बुधवार को बैरागी कैंप में एक कबूतर मांझे में बुरी तरह उलझकर घायल हो गया था। जिसे उन्होंने बमुश्किल मांझे से निकाला।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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