हरिद्वार। सोमवार को मतदान सम्पन्न हो जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से बुधवार सायंकाल जारी अन्तिम आॅकड़ो के अनुसार इस बार जनपद में 74.77प्रतिशत मतदान हुआ। यानि इस बार 564816 पुरूष मतदाताओ एवं 491279 महिला मतदाताओं के अलावा 25समलैंगिक मतदाताओं के अलावा 5748पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान हुआ। कुल 1061868 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। खास बात यह है कि जनपद के कुल 11 विधान सभा सीटों पर इस बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने भी बढ़चढ़कर मतदान किया है। हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 1420182 है। जिसमें पुरुष मतदाता 7,52,912 और महिला मतदाताओं की संख्या 6,67,134 है। जिले की ग्यारह विधानसभा सीटों पर कुल 74.77 फीसदी मतदान हुआ है। अधिकांश सीटों पर पुरुष व महिला मतदान में मात्र एक से तीन फीसदी का अंतर दर्ज किया गया है। जहां तक विधानसभा क्षेत्रों की बात है तो सबसे अधिक 59320 पुरुष मतदाताओं एवं 52638 महिला मतदाताओं ने रानीपुर में मताधिकार का प्रयोग किया। सबसे कम मत पुरुष मतदाताओं में रुड़की सीट में 40120 व महिला मतदाताओं में रुड़की में 35801 शामिल रहे। जिले की अन्य विधान सभा सीटों में हरिद्वार नगर सीट पर पुरुष मतदाता 51337, महिला मतदाता 44645, रानीपुर में पुरुष मतदाता 59320 व महिला मतदाता 52683, ज्वालापुर में पुरुष मतदाता 49780 व महिला मतदाता 42459, भगवानपुर में पुरुष मतदाता 53210 व महिला मतदाता 45217 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। झबरेड़ा में पुरुष मतदाता 50956 व महिला मतदाता 43854, पिरान कलियर में पुरुष मतदाता 51901 व महिला मतदाता 46072, रुड़की में पुरुष मतदाता 40120 व महिला मतदाता 35801 ने अपने मत का प्रयोग किया। इसके अलावा खानपुर में पुरुष मतदाता 59523 व महिला मतदाता 53277, मंगलौर में पुरुष मतदाता 47624 व महिला मतदाता 40229, लक्सर में पुरुष मतदाता 44221 व महिला मतदाता 37023, हरिद्वार ग्रामीण में पुरुष मतदाता 56824 व महिला मतदाता 50019 ने वोट डाले।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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