हरिद्वार। महामंडलेश्वर स्वामी संतोष आनंद देव महाराज ने बसंत पंचमी के अवसर पर आश्रम में आयोजित सरस्वती पूजा के अवसर पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की आराधना करने से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है। अज्ञानता का अंधकार नष्ट हो जाता है और ज्ञान का प्रकाश प्रकट होता है। ज्ञानी व्यक्ति की ही सर्वत्र पूजा होती है। विद्या से मनुष्य धन तो कमा सकता है लेकिन धन से विद्या नहीं। विद्या कठिन परिश्रम के उपरांत ही प्राप्त होती है। उन्होंने मनुष्य को यात्रियों से विद्या प्राप्त करनी चाहिए। समाज में मान सम्मान के लिए विद्वत्ता अति आवश्यक है। श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरा दास हनुमान मंदिर सिंहद्वार ज्वालापुर हरिद्वार में मां सरस्वती पूजन समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्री अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत संतोषानंद देव महाराज के पावन सानिध्य में विद्वान आचार्य विनय मिश्र,पं भोगेंद्र झा, पं बलराम शुक्ला, पं राजेंद्र के द्वारा मुख्य यजमान बीएन राय, सीए आशुतोष पांडेय, विकास झा, दिलीप कुमार झा सपत्नीक से पूजन कार्य प्रारंभ कराया। जिसमें सर्वप्रथम माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने के उपरांत विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। सरस्वती माता का सोलह श्रंगार किया गया। इसके बाद बच्चों का विद्यारंभ संस्कार कराया गया। तत्पश्चात श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर राकेश मिश्रा, ज्ञान प्रकाश पांडे, कमलेश सिंह, वरुण शुक्ला, विनोद शर्मा, राज नारायण मिश्रा, प्रभात राय, राजेश शर्मा, डॉ महेंद्र राणा, केएन झा, विष्णु देव ठेकेदार, अरविंद नारायण मिश्रा, जगदीश लाल पाहवा, महेंद्र वर्मा, नीलम राय, रश्मि झा, प्रीयंका देवी, ज्योति झा, डा नारायण पंडित, राकेश राय, अतुल राय, लव, कुश, डा संजय त्रिपाठी, लक्ष्मी प्रसाद त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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