हरिद्वार। कोविड नियमों का पालन कराने को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान करने वाले पोलिंग बूथों पर कड़े निर्देश दिए थे। लेकिन शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई मतदान केन्दों पर जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेशों के पालन की अनदेखी देखने को मिली तो कहीं पूरी तरह पालन भी होता दिखा। महामारी एक्ट के तहत जिला निर्वाचन अधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सभी पोलिंग बूथ पर कोविड मानकों के पूरी तरह पालन करने के दिशा निर्देश जारी किए थे। जिसमें पोलिंग बूथ पर मतदान करने वाले मतदाता को गलब्स पहनने की सुविधा के साथ पोलिंग बूथ में घुसने से पहले मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग करने के दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे। लेकिन शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में कई पोलिंग बूथ पर मतदाताओं को वोट डालने से पहले गलब्स तक मुहैया नहीं कराए गए। जबकि जहां गलब्स दिए गए तो वहां मतदाताओं मतदेय परिसर में ही गलब्स को फेंका हुआ था। जबकि कई पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं की जा रही थी। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की तो अधिकतर सभी स्थानों पर अवेहलना होती दिखी। हरिद्वार ग्रामीण विस क्षेत्र के धनपुरा,फेरूपुर,टिक्कमपुर स्थित मतदान केन्दों में कोविड नियमों का कही पालन होता नही दिखाई दिया,कतार में लगे मतदाता भी सामाजिक दूरी का पालन करना भूल गये। हलांकि बादशाहपुर में मतदान कर्मियों द्वारा कोविड नियमों का पालन कराया जाता दिखा,जहां माॅस्क वितरित करने के अलावा ग्लब्स भी दिए जाते रहे। लेकिन उसके आगे सुलतानपुर आदमपुर में कोविड नियमों के प्रति लापरवाही दिखाई दी। वही लक्सर के कुछ अन्य बूथों में भी कोविड नियमों का पालन नही होते दिखाई दिया। खानपुर के अलावा मंगलौर विस क्षेत्र में भी कुछ बूथों पर सामाजिक दूरी सहित अन्य नियमों के प्रति लापरवाही दिखाई दी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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