मदन कौशिक और सतपाल ब्रहमचारी जब भी हुये आमने-सामने
भाजपा कांग्रेस समर्थको के बीच जमकर हंगामा,पुलिस ने कराया मामला शंात
हरिद्वार। उत्तराखण्ड के पांचवी विधानसभा के लिए सोमवार को हुये आमचुनाव के दौरान शहरी विस सीट पर उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में एसडी इंटर कालेज मतदान केंद्र में भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक और कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी के आमने सामने आने पर जमकर हंगामा हुआ। दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उलझते रहे। एक-दूसरे पर दोनों ही दलों के लोग आरोप मढ़ते रहे। वहीं सूखी नदी खड़खड़ी के पास भाजपाइयों-कांग्रेसियों के उलझने पर पुलिस को लाठियां फटकार कर खदेड़ना पड़ा। श्मशान घाट मार्ग पर एसडी स्कूल में बने मतदान केंद्र में भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक के पहुंचने को लेकर कांग्रेसियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने भाजपाइयों पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेसी भी एकत्र होकर सीधे मतदान केंद्र के अंदर घुस गए। इधर, जानकारी मिलने पर कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी भी तुरंत समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद दोनों ही प्रत्याशी आमने-सामने आ गए। मतदान केंद्र के अंदर से दोनों प्रत्याशी जब बाहर निकले तब भारी संख्या में साथ में चल रहे समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते तनाव का माहौल बन गया, लेकिन दोनों ही प्रत्याशी अलग-अलग दिशाओं की तरफ रवाना हो गए। दोनों प्रत्याशियों का आमना सामना होने के बाद सूखी नदी खड़खड़ी के पास दोनों के समर्थक एकत्र होकर एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आस्तीनें चढ़ाते रहे। हंगामा होने पर एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, सीओ सिटी शेखर सुयाल, शहर कोतवाली प्रभारी राकेंद्र कठैत भी फोर्स के साथ पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने पहले तो उन्हें समझाना चाहा, लेकिन जब कोई नहीं माना तब पुलिस ने लाठियां फटकार कर दोनों ही दलों के लोगों को दूर तक खदेड़ दिया, जिसके बाद ही माहौल सामान्य हुआ। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार के अनुसार मतदान केंद्र के बाहर दोनों दलों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत किया गया। वही दूसरी ओर मध्य हरिद्वार के एसएमजेएन कालेज कैंपस में बने मतदान केंद्र के बाहर कांग्रेस-भाजपा के कार्यकर्ता किसी न किसी बात को लेकर आपस में दिन भर उलझते रहे। एक बार तो टकराव होते-होते टल गया। गनीमत रही कि मारपीट की नौबत नहीं आई। सेक्टर मजिस्ट्रेट नरेश चैधरी ने स्थिति को बमुश्किल संभाला, तब कहीं जाकर दोनों दलों के समर्थक शांत हुए।
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