Skip to main content

समृद्धि व निर्मलता का प्रतीक है वसंत: डा पण्ड्या

 


हरिद्वार।गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में वसंतोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने विश्वभर के गायत्री साधकों को वासंती उल्लास की शुभकामनाएँ दीं। सरस्वती पूजन, गुरुपूजन एवं पर्व पूजन के साथ हजारों साधकों ने भावभरी पुष्पांजलि अर्पित कीं। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या ने वसंत पंचमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक चलने वाले चालीस दिवसीय नवसृजन गायत्री महापुरश्चरण साधना के लिए देश-विदेश के हजारों साधकों को आनलाइन संकल्पित कराया। इस दौरान शांतिकुंज वीडियो मोबाइल एप के साथ विभिन्न साहित्यों का विमोचन किया गया। वसंतोत्सव के मुख्य कार्यक्रम को आनलाइन संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि वसंत का पर्व प्राणी मात्र में समृद्धि, सुन्दरता एवं निर्मलता का द्योतक है। इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, जिससे विचार में प्रखरता आये और वह सकारात्मक दिशा में ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने कहा कि वसंत ज्ञान चेतना का महापर्व है। प्रकृति और जीवन का शृंगार करता है वसंत। प्रकृति व परमेश्वर के मिलन का पर्व है। उन्होंने कहा कि इन दिनों वासंती संस्कृति पूरे विश्व में दिखाई दे रही है। लोगों में जब संस्कृति आती है, तब उनमें उदारता, सेवाभाव जैसे सद्गुण विकसित होने लगते हैं। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि वसंत प्रेरणाओं का पावन दिन है। साथ ही ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का अवतरण दिन है और इन्हीं से ज्ञान का विस्तार हुआ। शैलदीदी ने कहा कि भौतिक संपदा की तुलना में आत्मिक व आध्यात्मिक प्रगति का महत्त्व ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अवतारी सत्ताओं के कार्य को पूज्य आचार्यश्री ने इस युग में आगे बढ़ाने का कार्य किया है। श्रद्धेया शैलदीदी ने युग निर्माण मिशन का आधार साहित्य एवं साधना को बताया। इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या व श्रद्धेया शैलदीदी ने गीत संगीत स्वरमालिका, युगगीता (अंग्रेजी) भाग-एक, युगऋषि द्वारा रचित साहित्यों का छत्तीसगढ़ी अनुवादित पुस्तक, प्रज्ञायोग साधना प्रोटोकॉल, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय वृक्षारोपण की अभिनव पहल, शांतिकुज वीडियो मोबाइल एप आदि का विमोचन किया। विश्व स्तरीय ४० दिवसीय गायत्री महापुरश्चरण साधना सत्र का गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. पण्ड्या ने साधकों को आनलाइन संकल्प कराने के साथ प्रारंभ किया, जिसमें अनेक देशों के साधक इस महापुरश्चरण में भागीदारी कर रहे हैं। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।