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विज्ञान को विज्ञान की तरह नही अपितु उसको विभिन्न विधाओं में समझाना चाहिए- देवेन्द्र मेवाड़ी


 हरिद्वार।कमल मिश्रा-गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर सात दिवसीय विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम के दूसरे दिन कई एक्सपर्ट ने विज्ञान विषय पर अपने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। जिसमे मुख्य रूप से देश के जाने-माने विज्ञान लेखक एवं विज्ञान संचारक एवम प्रसिद्ध साहित्यकार देवेन्द्र मेवाड़ी जिन्होंने हाल में भी विज्ञान प्रसार और विज्ञान चेतना पर व्याखान दिया। उनके इस विज्ञान लेखन के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। विज्ञान एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका एक विशिष्ट स्थान है। विज्ञान विषयक लेखन और उनके यात्रा वृतान्त की पुस्तकें भी प्रकाशित ही चुकी। उनके दीर्घकालीन सक्रिय विज्ञान लेखन ने समाज में विज्ञान की जागरूकता फैलाने में अपूर्व योगदान दिया है मेवाड़ी जी के शब्दों में वह साहित्य की कलम से विज्ञान लिखते हैं जिससे उनका लिखा विज्ञान सरस होता है और आमजन को किस्से कहानी की तरह रोचक लगने लगता है। लेखन के इन प्रयोगों को इनकी प्रमुख कृतियों में भी देखा जा सकता है। जैसे कथा कहो यायावर, राही में विज्ञान का, विज्ञान वेला में ,विज्ञान की दुनिया, दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ, नाटक नाटक में विज्ञान, विज्ञान और हम, विज्ञान नामा, मेरी विज्ञान डायरी एक,मेरी विज्ञान डायरी दो,मेरी प्रिय विज्ञान कथाएं, फसलें कहे कहानी,विज्ञान बारहमासा,विज्ञान जिनका ऋणी है, सूरज के आंगन में,सौर मंडल के शहर, आदि विज्ञान को समझाने के लिए पुस्तकों का लेखन किया है। आज के व्याख्यान के दौरान मेवाड़ी जी ने कहा की हमें विज्ञान को विज्ञान की तरह नही अपितु उसको विभिन्न विधाओं में समझाना चाहिए। हम विज्ञान को साहित्य के रूप में, कविता के रूप में, और कहानियों के रूप में भी समझा सकते हैं जिससे कि बच्चा भी उसको आसानी से समझ सके। उन्होंने कहा की मैने अपनी पुस्तकों में विज्ञान को सरलता से समझाने का प्रयास किया है। एक बार बच्चो को इन पुस्तकों के बारे में बताया जाय। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर हेमवती नंदन पांडे ने बताया कि आज का युग विज्ञान का युग है हमारे देश के वैज्ञानिकों ने विज्ञान के माध्यम से कई क्षेत्रों में वैज्ञानिक चमत्कार किए हैं। विद्यार्थियों को दृष्टिगत रखते हुए गुरुकुल  कांगड़ी विश्वविद्यालय में भी समय≤ विज्ञान संबंधित सेमिनार एवं कार्यशाला आयोजित होती रहती है। इस वर्ष भी 28 तारिक को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा 22 फरवरी से एक सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसका समापन 28 तारीख राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन किया जाएगा।


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