हरिद्वार। धर्मनगरी में वसंत पंचमी का पर्व शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पतंग के शौकीनों ने जमकर पतंग उड़ाए। हरकी पैड़ी समेत विभन्नि घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। शहर में युवाओं से लेकर बुजुर्गों ने पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। शनिवार को उत्तरी हरिद्वार से लेकर ज्वालापुर तक आई बो काटे की आवाज ही गूंजती रही। वहीं, लोगों ने विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा कर पीले पकवान का भोग लगाया। धर्मनगरी में वसंत पंचमी पर्व के दौरान पतंगबाजी करने का रिवाज है। हर साल वसंत पंचमी के दिन हरिद्वार में जमकर पतंगबाजी होती है। शनिवार को भी सुबह से ही छतों पर युवाओं और बच्चों की टोली पतंगबाजी करते दिखे। जबकि छतों पर युवा डीजे लगाकर डांस भी करते दिखे। जबकि ज्वालापुर, कनखल, सप्तऋषि, भूपतवाला समेत कई अन्य जगहों पर दुकानों पर पतंग और मांझा खरीदने के लिए भीड़ लगी रही। पतंग उड़ाने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। मान्यताओं के अनुसार वसंत पर्व पर वसंत ऋतु के आगमन होता है। वसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है। शनिवार को धर्मनगरी में वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह से ही पीले परिधानों में पहुंचे लोगों ने हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर गंगा स्नान किया। इसके अलावा बाहर से आए यात्रियों ने हरकी पैड़ी के समीप घाटों पर बच्चों का मुंडन संस्कार कराया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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