हरिद्वार। विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम के दूसरे दिन गुरुकुल कांगड़ी विवि में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त देवेन्द्र मेवाड़ी ने छात्रों को विज्ञान के जटिल रहस्यों को समझाया। छात्र-छात्राओं ने उनकी विज्ञान कथा कहने की अनूठी शैली का आनंद लिया। देश के जाने माने विज्ञान लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी ने अपनी दिलचस्प शैली से भारत में विज्ञान की यात्रा को प्रस्तुत किया। उन्होंने कथा प्रसंगों के माध्यम से आर्य भट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त आदि के खगोल और वास्तु से संबंधित खोजों को सरलतम भाषा में कहानी के माध्यम समझाया। कहा कि विज्ञान को जटिल समझ भययुक्त होने की आवश्यकता नहीं बल्कि विज्ञान को साहित्य के साथ जोड़कर सरल कर समझा जा सकता है। कहा कि विज्ञान हमें दशा और दिशा प्रदान करता है। विज्ञान शिक्षा को अधिक रोचक बनाए जाने की आवश्यकता है। इस विशेष व्याख्यान में शहर के प्रमुख विद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें। संवाद सत्र की अध्यक्षता प्रो. सोमदेव शतांशु ने की था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिमांशु पंडित एवं डॉ. विनोद नौटियाल ने संयुक्त रूप से किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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