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मानव कल्याण में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका -नरेश बंसल

 हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि में आयोजित साप्ताहिक विज्ञान महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि विज्ञान की भूमिका मानव कल्याण की है, परन्तु विज्ञान के प्रयोग में यदि संवेदना शामिल न हो तो इसकी भूमिका नकारात्मक भी प्रकाश में आती है। कहा कि भारत ज्ञान-विज्ञान की भूमि रही है और भारत में विज्ञान की परम्परा प्राचीन काल से है। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि विज्ञान को विध्वंसकारी ताकतों से बचाया जाना चाहिए। विज्ञान की भूमिका मानवता के कल्याण में बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैज्ञानिक चिन्तन की परम्परा का देश है। पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव ने कहा कि मनुष्य के लिए विज्ञान की शिक्षा अनिवार्य है। विज्ञान के माध्यम से आध्यात्म के रहस्यों को भी जाना जा सकता है। पद्मश्री संतोष यादव ने अपने माउंट एवेरस्ट पर्वतारोहण के अनुभव सांझा किए। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय कुलपित प्रो.सुनील जोशी ने कहा कि हमें वैदिक विज्ञान के ज्ञान को आमजनमानस के लिए प्रस्तुत करना होगा। अध्यक्षीय संबोधन में गुरुकुल विवि के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि भारत के पास एक समृद्ध वैज्ञानिक चिन्तन की ऋषि परम्परा रही है। प्रो. एलपी पुरोहित ने विचार रखे। इस अवसर पर कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक डॉ. हेमवती नन्दन, कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अजय मलिक, डॉ. सुयश भारद्वाज, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. शिव कुमार,चैहान, डॉ. अजीत तोमर, डॉ. हरेन्द्र, डॉ. अजेन्द्र , डॉ. दीनदयाल आदि उपस्थित रहें।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।