Skip to main content

प्रेम एवं करूणा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

 

हरिद्वार। निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और जिस जगह संत समागम का आयोजन हो जाता है। वह सदैव के लिए पूजनीय हो जाती है। देवपुरा आश्रम में ब्रह्मलीन महंत दर्शन दास महाराज की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह महाराज प्रेम एवं करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित किया। राष्ट्र कल्याण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज एवं महंत प्यारा सिंह महाराज ने कहा कि संतो के दर्शन मात्र से पापों से निवृत्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के लिए भारत भर में भ्रमण कर प्रचार प्रसार किया। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव स्मरण करता रहेगा। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी रवि देव शास्त्री एवं बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को समाज कल्याण के लिए तत्पर रहना चाहिए। संतों का जीवन सदैव ही परमार्थ के लिए समर्पित रहता है। देवपुरा आश्रम के महंत गुरमीत सिंह महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव के अधूरे कार्यों को पूरा करते हुए संतों की सेवा करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। मानव सेवा के लिए समर्पित रहना ही उनके गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी, महंत जमुना दास, महंत सूरज दास, महंत अरुण दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी राम जी, स्वामी केशवानंद, महंत निर्मल दास,महंत भूपेंद्र सिंह, महंत रुघुवीर सिंह, महंत शिवानन्द, स्वामी राजेंद्रानन्द, स्वामी कपिलमुनि,स्वामी रामेश्वरानन्द,महंत प्र्रेमदास, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत निर्भय सिंह,महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद,महंत रघुवीर दास,महंत नित्यसुधानंद,महंत श्याम प्रकाश,स्वामी जगदीशानंद गिरी, स्वामी चिदविलासानंद सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।