हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में समान अवसर प्रकोष्ठ एवं छात्र परामर्श केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘टिकाऊ कल के लिए समानता सशक्तिकरणः सभी के लिए अवसर विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मनोवैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, विधिविद ने विशेष व्याख्यान प्रदान किए। वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में एसपी क्राइम पुलिस मुख्यालय देहरादून डॉ. विशाखा अशोक भडाने ने कहा कि जब तक समाज में समानता स्थापित नहीं होगी तब तक एक समाज के रूप में विकसित नहीं हो सकते हैं। डॉ.विशाखा ने कहा कि भारत के संविधान की भूमिका में समानता के लिए स्पष्ट निर्देश मिलते हैं। महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए अनेक सरकारी नीतियां मौजूद हैं। लेकिन उनके क्रियान्वयन के साथ ही हमें समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि स्त्री शिक्षा के लिए गुरुकुल कांगड़ी और आर्य समाज की एक वृहद भूमिका रही है। आईक्यूएसी निदेशक प्रो. आरसी दुबे ने कहा कि वैदिक काल में परिवार में सभी को एक समान अधिकार प्राप्त होते थे। वेबिनार की सह संयोजक प्रो. श्यामलता जुयाल ने कहा कि महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। संयोजक डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि वेबिनार का उद्देश्य का छात्रों एवं प्राध्यापकों के मध्य लैंगिक संवेदनशीलता का प्रचार प्रसार करना है। वेबिनार का संचालन डॉ. मनीला ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विपुल भट्ट ने किया। इस दौरान आयोजन समिति से जुड़े सदस्य डॉ. श्वेतांक आर्य, डॉ. हरेंद्र, डॉ. अजित तोमर. डॉ.वेदव्रत, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.नवीन पन्त,डॉ.मनोज चैहान,डॉ.विक्रम सिंह आदि वेबिनार में उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment