हरिद्वार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी रुड़की ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा को गंगा नदी पुनरुद्धार पुरस्कार 2021 से नवाजा है। अनुसंधान के लिए प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार गंगा पुनरुद्धार के संबंध में किए गए विज्ञानीए सामाजिकए पर्यावरणीय वैधानिक और आर्थिक प्रकृति के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। आइआइटी रुड़की में आयोजित समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजित केण् चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा 2018 से श्नमामि गंगेश् कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं। दूषित जल प्रबंधन के क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर हाईब्रिड एन्यूईटी मोड के माध्यम से उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा किफायती आवास के लिए भी काम किया। उन्होंने नदियों के संरक्षण के लिए गंगा बेसिन के अलावा राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय में भी योगदान दिया। निदेशक ने कहा कि राजीव रंजन मिश्रा का गंगा पुनरुद्धार के लिए लंबे समय से दिया जा रहा योगदान पथ प्रदर्शक है। उनमें इस कार्य के प्रति समर्पणए व्यक्तिगत रुचि और वैज्ञानिक सोच के साथ टीम भावना से सबको साथ लेकर चलने की योग्यता है। वहीं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने पुरस्कार प्राप्त करने के दौरान कहा कि सफलता और निरंतरता नदी को अपना माने जाने से ही सुनिश्चित होती है। गंगा का पुनरुद्धार और नागरिकों का मां गंगा से जुड़ना एक बहुत ही बड़ा लक्ष्य है। इसलिए इस मिशन का उद्देश्य नदी को साफ करने से बढ़कर एक पवित्रता को पुनस्र्थापित करना है। जिसमें उसके बहाव को बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण के बहाव को सुनिश्चित करनाए वन संरक्षणए साथ समाहित होने वाली नदियों को साफ करनाए नमभूमि का संरक्षण करनाए प्राकृतिक झरनोंए नदी तटों का पुनर्निर्माण और नदी के बेसिन का प्रबंधन सतत कृषि विकास के उद्देश्य से किया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि आइआइटी जैसे संस्थानों के सम्मिलित प्रयासों से गंगा नदी के बेसिन के प्रबंधन की योजना से एक संपूर्ण दूरदर्शी सोच इस मिशन को मिली है। जिसने श्नमामि गंगेश् मिशन की एक मजबूत नींव बनाने में सहायता की है। कार्यक्रम में डीन आफ रिसोर्सेज एंड एल्यूमनी अफेयर्स प्रोफेसर पार्थो रायए फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी रुड़की ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा को गंगा नदी पुनरुद्धार पुरस्कार 2021 से नवाजा है। अनुसंधान के लिए प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार गंगा पुनरुद्धार के संबंध में किए गए विज्ञानीए सामाजिकए पर्यावरणीय वैधानिक और आर्थिक प्रकृति के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। आइआइटी रुड़की में आयोजित समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजित केण् चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा 2018 से श्नमामि गंगेश् कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं। दूषित जल प्रबंधन के क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर हाईब्रिड एन्यूईटी मोड के माध्यम से उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा किफायती आवास के लिए भी काम किया। उन्होंने नदियों के संरक्षण के लिए गंगा बेसिन के अलावा राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय में भी योगदान दिया। निदेशक ने कहा कि राजीव रंजन मिश्रा का गंगा पुनरुद्धार के लिए लंबे समय से दिया जा रहा योगदान पथ प्रदर्शक है। उनमें इस कार्य के प्रति समर्पणए व्यक्तिगत रुचि और वैज्ञानिक सोच के साथ टीम भावना से सबको साथ लेकर चलने की योग्यता है। वहीं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने पुरस्कार प्राप्त करने के दौरान कहा कि सफलता और निरंतरता नदी को अपना माने जाने से ही सुनिश्चित होती है। गंगा का पुनरुद्धार और नागरिकों का मां गंगा से जुड़ना एक बहुत ही बड़ा लक्ष्य है। इसलिए इस मिशन का उद्देश्य नदी को साफ करने से बढ़कर एक पवित्रता को पुनस्र्थापित करना है। जिसमें उसके बहाव को बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण के बहाव को सुनिश्चित करनाए वन संरक्षणए साथ समाहित होने वाली नदियों को साफ करनाए नमभूमि का संरक्षण करनाए प्राकृतिक झरनोंए नदी तटों का पुनर्निर्माण और नदी के बेसिन का प्रबंधन सतत कृषि विकास के उद्देश्य से किया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि आइआइटी जैसे संस्थानों के सम्मिलित प्रयासों से गंगा नदी के बेसिन के प्रबंधन की योजना से एक संपूर्ण दूरदर्शी सोच इस मिशन को मिली है। जिसने श्नमामि गंगेश् मिशन की एक मजबूत नींव बनाने में सहायता की है। कार्यक्रम में डीन आफ रिसोर्सेज एंड एल्यूमनी अफेयर्स प्रोफेसर पार्थो रायए फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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