हरिद्वार। स्वस्थ जीवन की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़ रहे देवभूमि मास्टर्स एथलेटिक्स एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एसोसिएशन की ओर से 26 और 27 मार्च को हरिद्वार में चतुर्थ उत्तराखंड मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ी ही प्रतिभाग कर सकेंगे। सोमवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसोसिएशन के महासचिव सतीश चंद्र चैहान ने बताया कि एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन भल्ला कॉलेज स्पोर्ट्स मैदान में किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में राज्य के विभिन्न जनपदों के लगभग 250 खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकेंगे। मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिए आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में पांच-पांच वर्ष के अंतर से 100 वर्ष तक के खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकेंगे। खिलाड़ी अपने-अपने आयु वर्ग में ही प्रतिभाग कर सकेंगे। बताया कि उत्तराखंड के सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, गैर सरकारी और व्यक्तिगत रूप से खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकेंगे। इससे पूर्व थर्ड राज्य स्तरीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन देहरादून में किया गया था। इस अवसर पर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष गंभीर सिंह पंवार, भारत नेगी, भारत भूषण आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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