हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के इतिहास सभागार में आगमन संस्था की ओर से कला, साहित्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने के लिए 78 महिलाओं को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता है। महिला दिवस न केवल महिलाओं के योगदान, बलिदान और तपस्या की याद दिलाता है बल्कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। प्रो. शास्त्री ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़कर कुशलता पूर्वक कार्य कर रही है। आगमन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन जैन ने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं के ऐसे कई उदहारण हैं, जिसमें वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही हैं। आज भी महिलाएं कई क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले आगे हैं। विभन्नि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाना चाहिए। आगमन संस्था इन्हीं उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर लक्ष्मी शंकर पांडे, नवीन पांडे सहित कई अतिथियों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष रेखा बोरा, महासचिव कुलदीप कौर, डॉ निशा माथुर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।आगमन संस्था की ओर से अनुराधा पांडे, अर्चना श्रीवास्तव, कुसुम सिंह, ममता सिंह, मीनाक्षी, निशा माथुर, नीलम वर्मा, नीरजा मेहता, पूनम, रश्मि लता, रेखा बोरा, सूक्ष्म लता महाजन, शिप्रा शुक्ला, डॉ. अनीता कपूर, बीके सुधा, एकता शर्मा, किरण मिश्रा, कुलदीप कौर, मधुमिता, नूतन सिन्हा, नालीनी, पारुल शर्मा, राजश्री जयंती, श्वेता रॉय, सुमिता, अनीता चैहान, अलका, परी, पूजा अरोड़ा, पूनम गर्ग सहित करीब 78 महिलाओं को विभिन्न क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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