हरिद्वार। धारदार हथियार से हमला कर हत्या करने के मामले में द्वितीय अपर जिला जज बीबी पांडेय ने मृतक के पुत्र समेत चार आरोपियों को दोषी पाया है। मामले में कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास और 70 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मृतक की पत्नी भी मामले में आरोपी थी, लेकिन उसकी मृत्यु होने पर उसके खिलाफ केस खत्म कर दिया गया था। शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार गुप्ता के अनुसार महिला कुसुम ने बताया था कि उसके पति लाल सिंह सहारनपुर यूपी में विकास भवन में नौकरी करता था। 19 फरवरी 2010 में थाना कोतवाली गंगनहर रुड़की क्षेत्र से वह डयूटी के लिए जा रहा था। उसी दिन सुबह सात बजे तीन मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गांव पुहाना से आगे गोली मारकर उसे घायल कर दिया था। घायलावस्था में उसके पति को हायर सेंटर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना की लिखित शिकायत कोतवाली गंगनहर रुड़की में दी गई थी। घटना के दस दिन बाद उसके पति लाल सिंह दून अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आए थे। उसी रात तीन अज्ञात बदमाशों ने उसके पति की गर्दन पर तेज धारदार हथियार से हमला कर दिया था। मौके पर ही लाल सिंह ने दम तोड़ दिया था। शिकायतकर्ता ने बताया था उसके शोर मचाने पर उसका पुत्र रामभूल व पुत्रवधू मौके पर आ गई थी। उन्होंने तीनों हमलावरों को पहचान लिया था। मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम ने कोतवाली गंगनहर रुड़की में अभियुक्त छोटा उर्फ गौतम, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा और इसम सिंह के खिलाफ घर में घुसकर हत्या करने की धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम और उसके पुत्र रामभूल को भी हत्या में शामिल होना पाया था। जिस पर केस के विवेचक ने छोटा उर्फ गौतम पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम बेहड़की सैदाबाद थाना झबरेड़ा, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा पुत्र बारू निवासी ग्राम मौलना थाना झबरेड़ा, इसम सिंह पुत्र नानकचंद निवासी ग्राम पनियाला कोतवाली गंगनहर, मृतक के पुत्र रामभूल व उसकी पत्नी कुसुम के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 12 गवाह पेश किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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