हरिद्वार। इन्टरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चेप्टर के अध्यक्ष ई मधुसूदन आर्य ने वर्चुअल मीटिंग में कहा कि वैसे तो देश की आजादी की लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानी हुए, लेकिन इनमें तीन ऐसे क्रांतिकारी थे जिनके विचार और व्यक्तित्व आज भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं। आज महान देशभक्त शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की कुर्बानी को याद करने का दिन है। 23 मार्च ही वो दिन था जब ये तीनों हंसते-हंसते देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर षडयंत्र के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर लटका दिया था। यही वजह है कि हर साल 23 मार्च का दिन इन तीन शहीदों की याद में शहीदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। प्रांतीय उपाध्यक्ष जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने में अनगिनत क्रांतिकारियों का नाम याद किया जाता है लेकिन जब भी देशप्रेम की बात की जाती है,उन क्रांतिकारियों में सबसे पहले 23 मार्च 1931 को शहीद हुए भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का नाम सबसे पहले जेहन में आता है। आज का दिन इन तीन क्रांतिकारियों को शहीद दिवस के रूप में समर्पित किया जाता है। डॉ सुनील बत्रा ने कहा कि वतन के लिए त्याग और बलिदान भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का नाम सर्वोपरि रहा। वे कहते थे कि एक सच्चा बलिदानी वही है जो जरुरत पड़ने पर सब कुछ त्याग दे। भगत सिंह स्वयं अपनी निजी जिंदगी से प्रेम करते थे, उनकी भी महत्वाकांक्षाएं थी, सपने थे। लेकिन वतन पर उन्होंने अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के जीवन से हमें देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। साथ में उन महान क्रांतिकारियों के जीवन से हम यह भी सीख सकते हैं कि अगर देश की आन, बान और शान के खिलाफ कोई ताकत खड़ी होती है तो हमें बल के साथ-साथ वैचारिक रूप से भी उसे कुचलने की आवश्यकता है।विमल कुमार गर्ग ने कहा कि भगत सिंह जीवन के लक्ष्य को महत्व देते थें। उनका मानना था कि हमें अपने जीवन का लक्ष्य पता होना चाहिए। अगर हमें अपने लक्ष्य का पता होगा और हम अपने लक्ष्योन्मुख से कार्य करेंगे तो हमें सफल होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है। आर के गर्ग ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। उनकी कुर्बानी को हमेशा याद किया जाएगा। जब-जब देश की रक्षा और संप्रभुता को शिखर पर पहुंचाने वालों की चर्चा होगी, तब-तब ये वीर शहीद हमें याद आएंगे। इतिहास में उनका नाम हमेशा-हमेशा स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा। इस अवसर पर राजीव राय,जितेंद्र कुमार शर्मा,प्रमोद शर्मा, डॉक्टर पवन सिंह, कमला जोशी,अन्नपूर्णा बंधुनी,डॉक्टर मनीषा दीक्षित, प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव,सुबोध गुप्ता,लतिका आर्य,करुणा महेश्वरी,प्रवीण अग्रवाल,अंजली माहेश्वरी, प्रमोद शर्मा,सुरेश चन्द्र गुप्ता,यू के गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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