हरिद्वार। हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण के साथ राजस्व विभाग ने रोशनाबाद स्थित एक कॉलोनी का नक्शा पास नहीं कराने पर कॉलोनी कार्यालय और मुख्य द्वार सील कर दिया है। बताया जाता है कि टीम के सामने कॉलोनाइजर पूरे दस्तावेज मौके पर नहीं दिखा पाए। मामले में उपजिलाधिकारी हरिद्वार ने उन्हें एक सप्ताह में पूरे दस्तावेज लेकर कार्यालय बुलाया है। एसडीएम ने भूमि की पैमाइश के लिए तहसील स्तर से टीम गठित कर दी है। प्राधिकरण सचिव ने कॉलोनी के नक्शे को स्वीकृत कराने के लिए आदेशित किया है। गुरुवार को विकास प्राधिकरण सचिव उत्तम सिंह चैहान और एसडीएम पूरन सिंह राणा रोशनाबाद स्थित एक कॉलोनी में पहुंचे। सचिव उत्तम सिंह चैहान ने कहा कि कॉलोनाइजर ने कॉलोनी काटने से पहले एचआरडीए द्वारा जारी नक्शा या कोई अप्रूवल नहीं लिया। इसलिए कॉलोनी सील कर दी है। अप्रूवल मिलने के बाद कॉलोनी की सील खोल दी जाएगी। एचआरडीए की टीम ने एक दीवार का कुछ हिस्सा भी तोड़ा। उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा ने बताया कि कॉलोनी का कार्यालय और मुख्य गेट सील कर दिया है। कॉलोनी का नक्शा पास नहीं था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में कमिश्नर के यहां से ग्राम पंचायत की भूमि में कुछ जमीन हस्तांतरित हुई थी। उस जमीन को चेक कराया जा रहा है कि कहीं सैकड़ों बीघा में कटी कॉलोनी में सरकारी की भूमि तो नहीं है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि अधीनस्थ कर्मचारियों का भी दायित्व है कि वह देखें कि कहीं सरकारी भूमि खुर्दबुर्द तो नहीं हो रही है। दूसरी ओर मामले में कॉलोनाइजर मनोज धनगर का कहना है कि कॉलोनी में अवैध भूमि नहीं है। केवल एचआरडीए से नक्शा पास कराने को लेकर उनकी कॉलोनी में सील लगाई गई है। उन्होंने कहा कि नक्शा स्वीकृति के लिए एचआरडीए कार्यालय में जमा किया है। पूरी कारवाई के दौरान दौरान एचआरडीए सहायक अभियंता टीपी नौटियाल, लेखपाल देवेश घिल्डियाल आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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