हरिद्वार हरिद्वार के मिस्सरपुर गांव में होली का पूजन गांव के लोगों ने बड़ी संख्या में विधि विधान के साथ किया। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने पति ,बच्चों और घर के बुजुर्गों के साथ होली का पूजन किया। बच्चों को फलों और मखानो की माला पहनाई होलिका की अक्षत रोली से पूजा की, गुलाल चढ़ाया, रंग चढ़ाया, साड़ी चढ़ाई और घर में बने हुए आटे के मीठे पुड़े, मिठाई चढ़ाई,फल चढ़ाए और जो पूजा सामग्री और प्रसाद होलिका में चढ़ाया गया, उसे प्रसाद के रूप में ब्राह्मण और समाज के दलित कमजोर वर्गों को दान स्वरूप भेंट किया गया। होली सौहार्द का प्रतीक है। यह बात मिश्रपुर के गांव में जब लोग होलिका का पूजन करने आए तो सामने आई गांव के रहने वाले उपाध्याय एडवोकेट ने बताया कि होली का त्यौहार ऐसा है जिसमें सामाजिक समरसता होती है और समाज का हर वर्ग मिलजुल कर यह त्यौहार मनाता है। मिस्सरपुर गांव की रहने वाली मार्शल आर्ट की राष्ट्रीय कोच आरती सैनी ने सपरिवार होलिका की पूजा करते हुए कहा कि समाज के हर वर्गों का उनकी जरूरत के हिसाब से ध्यान रखा जाता है और दान पुण्य किया जाता है। गांव की रहने वाली एमबीए की छात्रा इशिका शर्मा ने बताया कि होली का त्यौहार सामाजिक समरसता का त्यौहार है और गांव के हर वर्ग को आपस में जोड़ता है। मिश्रपुर गांव वह गांव है जहां पर राजा दक्ष द्वारा कराए गए यज्ञ के समय दक्षिण भारत से आए कर्मकांडी वैदिक ब्राह्मण समुदाय ने निवास किया था और यहां पर कई वर्षों तक कई धार्मिक अनुष्ठान गंगा के पावन तट पर किए थे। उन्होंने राजा दक्ष का यज्ञ संपन्न कराया था यह गांव पौराणिक महत्व वाला है जिसकी गिनती वैदिक कालीन सभ्यता से पंच पुरियों में होती है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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