हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की ओर से अतिथि सभागार में दो दिवसीय ‘कोरोना से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर सेमीनार हुआ। सेमिनार के मुख्य अतिथि उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डा. राजेंद्र डोभाल ने किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान के छात्रों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए उन्हें प्रतिमाह छात्रवृत्ति देना जरूरी है। तभी विज्ञान के छात्रों का भविष्य उज्जवल बना सकते है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि वेदों में जितने सूत्र और सिद्धांत मौजूद हैं, वह सभी विज्ञान के अन्वेक्षण हैं। शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके गर्ग ने कोरोना संक्रमण के पहले और बाद में हुण् जैविक प्रभावों की जानकारी दी। सहायक प्रो. डा. मंजू ऑल इडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस ऋषिकेश ने कोरोना विषाणु के संक्रमण के बाद होने वाले प्रभावों एवं प्रबंधन से अवगत कराया। डा. सत्यवती राणा ने कहा कि एमेरिटस प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, जैव रसायन विभाग, ऑल इंडिया इस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस ऋषिकेश ने प्रतिभागियों को पेट की आंतों में होने वाले संक्रमण की जानकारी दी। सेमिनार में संयोजक प्रो. आरसी दूबे, पूर्व कुलपति प्रो. डीके माहेश्वरी, डा. मुकेश कुमार शर्मा, वरिष्ठ मनोविज्ञानी प्रो. राकेश कुमार जैन, डा. हेमवती नन्दन, डॉ. एसके राजपूत, डा. विनीत कुमार विश्नोई, डा. चिरनजीव बेनर्जी, डा. विपिन्न कुमार शर्मा, डा. अश्वनी जागड़ा, डा. हरीश चन्द्रा, डा. संदीप कुमार, कुलभूषण शर्मा, हेमन्त सिंह नेगी, विकास कुमार, जनसम्पर्क अधिकारी डा. पंकज कौशिक आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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