हरिद्वार। तीर्थनगरी में मंगलवार को महाशिवरात्रि के मौके पर सड़को पर लगी जाम ने राहगीरों के पसीने छुड़ा दिए। शिवमूर्ति चैक से वाल्मीकि चैक और वाल्मीकि चैक से बिरला घाट के पुल तक जाम लगा रहा। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद कोविड की पाबंदियां खत्म हो गयी हैं। जिसके चलते सभी धार्मिक पर्व एवं वीकेंड पर यात्रियों की भीड़ धर्मनगरी का रुख करने लगी है। लेकिन हरिद्वार में भीड़ बढ़ने से यातायात व्यवस्था पटरी से उतरती दिख रही है। मंगलवार को शिवरात्रि के पर्व पर काफी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे। जिसके चलते शहर की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही अधिक देखने को मिली। जो शहर के बाजार की सड़कों पर जाम का कारण बनी। शिवमूर्ति चैक से वाल्मीकि चैक तक करीब एक किलोमीटर की दूरी पर ई-रिक्शा, थ्री व्हीलर और चोपहिया वाहनों की कतार लग गयी। वाल्मीकि चैक से चंडीघाट पुल को जाने वाले मार्ग का भी यही हाल था। वाल्मीकी चैक से बिरला घाट स्थित पुल तक भी वाहनों की लम्बी कतार लगी रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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