हरिद्वार। माता लीलावती आर्य भिक्षु परोपकारिणी न्यास द्वारा प्रतिवर्ष आर्य वानप्रस्थ आश्रम के संस्थापक आर्य भिक्षु की दीक्षा जयंती के अवसर पर कई लोगों का सम्मान किया जाता है। मंगलवार को आर्य वानप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वामी आत्मबोध सरस्वती कर्मवीर पुरस्कार से गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय के संस्कृत के विद्वान डॉ योगेश शास्त्री को अभिनंदन पत्र, अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। स्वामी धर्मानंद विद्या मार्तंड आर्य भिक्षु पुरस्कार से हरिद्वार के वयोवृद्ध प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ राजेंद्र कुमार आयुर्वेदालंकार को सम्मानित किया गया। ब्रह्मचारी अखिलानंद महात्मा आर्य भिक्षु पुरस्कार से सम्मानित करते हुए गुरुकुल पौंधा देहरादून के वैदिक आचार्य चंद्र भूषण को अभिनंदन पत्रं एवं अंग वस्त्र से विभूषित किया गया। वानप्रस्थ आश्रम में रहकर समाज की सेवा में संलग्न माता शोभा छाबड़ा को माता लीलावती आर्य भिक्षु स्मृति साधिका पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गंगा माता आई चैरिटेबल ट्रस्ट के मंत्री ओपी बंसल को उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए सपत्नीक सम्मानित किया गया। संयोजक न्यास के मंत्री एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। न्यास अध्यक्ष गिरधारी लाल चंदवानी ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम में डॉ जयदेव, डॉ त्रिलोक चंद्र, डॉ भारत विद्यालंकार, जगदीश लाल पाहवा, ज्ञानेश अग्रवाल, शरद गुप्ता, डॉ वीणा अग्रवाल, माता सरोज आर्या, न्यास की कोषाध्यक्ष करुणा आर्या, सुनीता आर्या, अदिति आर्या, सुनैना अग्रवाल, प्रवीण वैदिक, विश्व बंधु , मधुसूदन आर्य, सर्वेश गुप्ता, डॉ महेंद्र अहूजा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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