हरिद्वार। संकटग्रस्ट यूक्रेन में डाॅक्टरी की पढ़ाई करने गई कंचन कुकरेती बीती बुधवार देर रात अपने घर लालढांग सकुशल पहुंच गई। घर पर माता-पिता के साथ दादी बसंती देवी और दो छोटे भाई बहन आर्यन और कनिका बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे थे। हरिद्वार पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार शालीनी मौर्य ने कंचन का स्वागत किया। यूक्रेन से दिल्ली तक की यात्रा के बारे में बताते हुए कंचन भावुक हो गई। कंचन यूक्रेन के एवानो फ्रेंकइव्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। कंचन ने बताया कि 24 फरवरी सुबह 5 बजे सूचना आयी कि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। जिस कारण हॉस्टल के 150 से ज्यादा छात्र एकत्र हो गए। तभी आपातकाल अलार्म भी बजने लगा। इस दौरान हॉस्टल से 2 किलोमीटर दूरी पर तीन मिसाइल हमले हुए। जिससे सभी छात्र सहम गए थे। तभी सभी बच्चों के मोबाइल पर शहर छोड़ने कर सुरक्षित स्थान पर जाने का संदेश आया। कंचन ने बताया कि हम लोग दो दिनों तक बिना लाइट के अंधेरे में और बिना कुछ खाये-पीये रहे। क्योंकि मार्केट में कुछ नहीं बचा था। 27 फरवरी रात 3 बजे रोमानिया पहुंचें। जहां 8 किलोमीटर पैदल रास्ता तय किया। यहां रोमानिया सरकार ने शेल्टर, खाना और बस आदि की व्यवस्था कराई। 1 मार्च को फ्लाइट से छात्र दिल्ली पहुंचे। घर पहुंचने पर मां ने बेटी कंचन के लिए उसका मनपसंद भोजन राजमा-चावल बनाए थे। बीती 1 दिसंबर 2021 को मेडिकल की पढ़ाई के लिए कंचन यूक्रेन गई थी। कंचन ने बताया कि अभी सैकड़ों भारतीय छात्र यूक्रेन में ही फंसे हैं जिनकी सरकार को जल्द मदद करनी चाहिए। उन्होंने घर तक सकुशल पहुंचने पर भारत सरकार का आभार जताया। पिता राजू और मां अनिता बेटी को लेने पहले ही हरिद्वार पहुंच गए थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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