हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में सोमवार को फूलदेई पर्व धूमधाम से मनाया गया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षिकाओं को फूलदेई पर्व की शुभकामना प्रेषित कीं। उन्होंने कहा कि फूलदेई प्रकृति के शृंगार का लोकपर्व है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़ा प्रमुख पर्व है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगे।कॉलेज के प्राचार्य डा. सुनील कुमार बत्रा ने फूलदेई पर्व की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड में फूलदेई पर्व मनाने की परंपरा है। इस शुभ पर्व पर हम सबको अपने नौनिहालों से घर की देहरी पर पुष्प वर्षा कराकर उन्हें शगुन तथा उपहार देकर इस त्योहार को जीवंत बनाये रखने के प्रयास करने चाहिए। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. संजय कुमार माहेश्वरी ने इसके धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि त्योहार को प्रकृति की उर्वरता को उत्सव के रूप में मनाने के रूप में देखा जाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य रूप से डा. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डा.प्रज्ञा जोशी,डा. विजय शर्मा, डा.पद्मावती तनेजा आदि सहित कॉलेज के अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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