हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान विभाग में दो दिवसीय इवेस्ट मैनेजमेंट चेलेंज एंड अर्पोचोनिटी विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देशभर से आए विद्वानों ने वेस्ट प्रबंधन पर विस्तार से अपने विचार रखे। दो दिनों तक चले इस सेमिनार के समापन के पर यूकोस्ट के संयुक्त निर्देशक डॉ. डीपी उनियाल ने कहा कि वर्तमान समय में इवेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने है। जिसका समाधान कर हम जहां समाज में इससे होने वाले दुष्प्रभाव कम कर सकते हैं। वहीं कम लागत में इन उपकरणों को पुनः क्रियाशील बनाकर इनका प्रयोग शोध और अनुसंधान तथा अन्य क्षेत्रों में कर सकते हैं। कहा कि इवेस्ट मैनेजमेंट एक व्यापक क्षेत्र है। इसमें बहुत कुछ और अधिक किए जाने की संभावनाएं हैं। इस्पेसिस देहरादून के संस्थापक डॉ. बीएम शर्मा ने शोध छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इवेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से स्वरोजगार के क्षेत्र में व्यापक अवसर युवाओं को उपलब्ध कराए जाने की अपार संभावनाएं है। कहा कि हमारे युवाओं में प्रतिभाओं की बहुत बड़ी शक्ति समाहित है जरूरत है तो इन प्रतिभाओं को उचित अवसर व संसाधन उपलब्ध कराने की इस दिशा में ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज के समाने लाया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों को बेहतर अवसर उपलब्ध होते हैं। कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि संगोष्ठी में विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने जो अनुभव सांझा किए हैं वह छात्रों व शोध छात्रों के लिए मिल का पत्थर साबित होंगे। संगोष्ठी में आयोजन सचिव डॉ. श्वेतांक आर्य, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. सविता सिंह,प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. आरसी दुबे, प्रो.एलपी पुरोहित,प्रो.विवेक गुप्ता,डॉ.निपुर,डॉ. नीना गुप्ता,डॉ. प्रवीणा चतुर्वेदी,डॉ. राजकुमार,डॉ. महेंद्र असवाल,डॉ दीनदयाल, डॉ, सुहास आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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