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कोविड से मरने वालो के वारिसान कर सकते है 22मई तक मुआवजा के लिए दावा

 हरिद्वार। जिला आपदा प्रबंधन प्रभारी अधिकारी गोपाल राम बिनवाल ने अवगत कराया है कि शासन के पत्र संख्या 279 दिनांक 31 मार्च, 2022 के क्रम में उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के आदेशानुसार कोविड-19 संक्रमण से मृतक के विधिक वारिसजनों को आपदा मोचन निधि योजना के अंतर्गत राहत एवं बचाव मद से शर्तो एवं प्रतिबन्धों के अधीन प्रति मृतक रू0 50 हजार की धनराशि का भुगतान आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से आधार लिंक बैंक खाते में डी बी टी माध्यम से किये जाने के निर्देश प्राप्त है तथा जनपद स्तर पर कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के विधिक वारिसानों द्वारा सहायता राशि हेतु किये गये आवेदन के क्रम में जिलाधिकारी के स्वीकृति के अनुपालन में सहायता राशि दी जा रही है। प्रभारी अधिकारी ने यह भी अवगत कराया है कि  उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश की तिथि से 90 दिन की समय सीमा निर्धारित की गयी है। कोविङ-19 से मृत व्यक्तियों के विधिक वारिसानों से आवेदन प्राप्ति के 30 दिनों की अवधि के भीतर सहायता राशि का भुगतान करने हेतु पूर्व आदेश को यथावत रखने का आदेश दिया गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में जनपद में कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के विधिक वारिसान, जिन्होंने अभी तक सहायता राशि हेतु आवेदन नहीं किया है, उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन 20.03.2022 से पूर्व कोविड-19 के कारण मृत्यु होने की स्थिति में 60 दिन अर्थात 22.मई तक तथा 22.03.2022 के बाद कोविड-19 के कारण मृत्यु होने की स्थिति में 90 दिन अर्थात 21.जून तक निर्धारित समय सीमा के भीतर सहायता का भुगतान किया जाना अनिवार्य है, उसके बाद प्राप्त होने वाले आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा। अपरिहार्य कारणों से निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत यदि कोई आवेदन प्राप्त नहीं हो पाते है, तो ऐसी स्थिति में आवेदक शिकायत निवारण समिति को अपना आवेदन प्रस्तुत करेंगे तथा शिकायत निवारण समिति द्वारा आवेदन का परीक्षण कर सहायता राशि हेतु निर्णय लिया जायेगा।  सहायता राशि हेतु झूठा व फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सहायता राशि अन्य लाभ प्राप्त करना दण्डनीय अपराध है। ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने या दोष सिद्ध होने पर राज्य सरकार, राज्य प्राधिकरण, जिला प्राधिकरण को दोषी के विरुद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत 02 वर्ष का कारावास सहित जुर्माने से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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