हरिद्वार। 23 से 27 अप्रैल तक आयोजित की जा रही उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा परीक्षा को संपन्न कराने के लिए लोक आयोग परीक्षा भवन सहित कई विद्यालयों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के हाल नं.1 से 6 तक, ज्वालापुर इण्टर कालेज, डा.हरिराम आर्य इण्टर कालेज, आनन्दमयी सेवा सदन म्युनिस्पिल महिला इण्टर कालेज, सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज मायापुर, स्वामी दर्शनानन्द इन्स्टीटयूट आफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी (एस.डी.आई.एम.टी) गुरूकुल महाविद्यालय ज्वालापुर, गुरुकुल कांगडी (डीम्डी) विंग ए हरिद्वार, गुरुकुल कांगडी (डीम्ड) विंग बी हरिद्वार, आदर्श शिशु निकेतन इण्टर कालेज मौहल्ला धीरवाली ज्वालापुर, म्यु.इण्टर कालेज ज्वालापुर को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि शाति एवं सुरक्षा तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु परीक्षा केन्द्रों एवं आसपास की 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू रहेगी। परीक्षा केन्द्रों के आसपास 200 मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्ट्रेट अथवा नगर मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना पांच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों के आसपास अपने किसी कार्यक्रम द्वारा जन भावनाओं को किसी प्रकार से नहीं भडकाएगा और कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जिससे सार्वजनिक लोक शांति भंग होना सम्भाव्य हो। परीक्षा केन्द्रों पर एवं उसके आसपास की 200 मीटर की परिधि में किसी प्रकार का कोई धरना-प्रदर्शन आदि नहीं किया जायेगा। निर्धारित मानकों से अधिक किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण फैलाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। इसके अतिरिक्त भारत सरकार,राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय≤ पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जायेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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