हरिद्वार। श्री चेतन ज्योति आश्रम में ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी वागीश्वरानन्द व भारत साधु समाज के संस्थापक राष्ट्रीय महामंत्री ब्रह्मलीन स्वामी हरिनारायणानंद की स्मृति में आयोजित गुरूजन स्मृति श्रद्धांजलि समारोह में रामचरित मानस का पाठ व भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर कुमार स्वामी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी वागीश्वरानन्द महाराज एवं भारत साधु समाज के संस्थापक महामंत्री ब्रह्मलीन स्वामी हरिनारायणानंद महाराज दिव्य महापुरूष थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं आमजन को अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर कर कल्याण का मार्ग दिखाने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि ईश्वर स्वरूप गुरूजन ही शिष्यों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानन्द महाराज ने भक्तों को सदैव ज्ञान की प्रेरणा दी और समाज कल्याण की राह दिखायी। उन्होंने कहा कि देश के संत समाज को एकजुट करने में भारत साधु समाज के संस्थापक महामंत्री ब्रह्मलीन स्वामी हरिनारायणानंद महाराज का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शिवम महाराज ने बताया कि गुरूजन स्मृति श्रद्धांजलि समारोह में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, स्वामी चिदानंद मुनि, श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसह महाराज,महंत जसविन्दर सिंह महाराज, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,महंत कपिल मुनि,महंत दामोदर दास,म.म.स्वामी ललितानंद गिरी,स्वामी भगवतस्वरूप, स्वामी अनंतानंद,स्वामी चिदविलासानंद,स्वामी हरिचेतनानंद,स्वामी राजेंद्रानंद सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानन्द महाराज व स्वामी हरिनारायणानंद महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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