हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज के 20वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित विभिन्न खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह दिखा। कबड्डी, खो-खो, बास्केट बॉल में जीत के लिए खिलाड़ियों ने खूब पसीना बहाया, तो वहीं बैडमिंटन, टेबलटेनिस आदि में दमखम दिखाया। विवि के खेल अधिकारी ने बताया कि युवाओं में वैचारिक क्रांति लाने के लिए विवि प्रख्यात है। यहां पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रमों में युवाओं को सकारात्मक प्रेरणाएं देने वाली गतिविधियां संचालित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन बालिका वर्ग के खो-खो में टीम रोजीवाला ने टीम किरण को सात प्वाइंट से हराया। बालक वर्ग में पुष्पराज की टीम ने जीत दर्ज की। बैडमिंटन में अदिति और विजया की जोड़ी ने 21-14 प्वाइंट के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग की कबड्डी में जय भारती की टीम ने 4-18 से प्रतिद्वंद्वी टीम को हराया। बालक वर्ग के बैंडमिंटन में सकल और कुशाग्र की संयुक्त टीम ने सजल और अतुल की टीम को 21-8, 21-14 से हराकर पहला स्थान प्राप्त किया। सांस्कृतिक प्रतियोगिता के प्रभारी डॉ. शिवनारायण प्रसाद ने बताया कि खेलों के साथ-साथ बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इसमें शास्त्रीय गायन, सुगम संगीत, ढपली वादन, नृत्य सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। इसके साथ चित्रकला, शास्त्रीय नृत्य, लघुनाटिका, तबला वादन, गिटार वादन, हारमोनियम वादन प्रज्ञागीत अंत्याक्षरी आदि में छात्र-छात्राओं ने मन मोह लिया। इन सभी प्रतियोगिताओं का फाइनल सोमवार को संपन्न होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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